Thursday, April 18, 2013

बेटियाँ ...

एक प्यारे से सपने की तरह 
होती हैं बेटियाँ 

किसी के घर की रौनक 
तो किसी के घर की किलकारी होती हैं बेटियाँ 

किसी के घर की लाज 
तो किसी के घर का गुरूर होती हैं बेटियाँ 

किसी भी अनमोल खजाने से बढ़ कर 
बहुमूल्य होती हैं बेटियाँ 

किसी के दिल का सुकून 
तो किसी के सर का ताज  होती हैं बेटियाँ 

Saturday, April 13, 2013

"आँसुओं के मोती"

आँसुओं के मोती हम पिरो न सके,
तुम्हारी याद में हम रो न सके।

जख्म कुछ इतना गहरा दिया तुमने,
कि  कोई दवा  उसे भर न सकी।

लोग कहतें हैं अपनों का प्यार भरता है,
ऐसे जख्मों को।

पर गर अपने ही जख्म दें ,
तो दवा कौन करे??