Friday, July 29, 2016

तेरा अल्लहड़पन याद आएगा...






तेरा अल्लहड़पन याद आएगा,
तेरी ये अनसुलझी बातें याद आएंगी !
तेरे संग बिताये इन लम्हों में,
तेरी महकी सी याद आएगी !
कह नहीं सकती कि तू दिल के करीब है कितना,
तेरे संग गुजरा हर लम्हा याद आएगा !
तेरी ये बातें ये मुलाकातें
सबकुछ संभाल के,
रखूँगी इस दिल में ! 
जा रही है तू यहाँ से .. 
मत समझ जा रही है तू दिल से,
बस पंख खोल के उड़ना 
इस खुले आसमाँ  में !
ज़मी तेरी है और ये आसमाँ  भी तेरा है...  
बस बुन लेना सपनो की चादर को ,
और उड़ जाना इस खुलेआसमाँ में !!

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